PrevNext परिचयः सी.एस.आई.आर.-केन्द्रीय औषधीय एंव सगंध पौधा संस्थान, अनुसंधान केंद्र, पुरारा, सीमैप का सबसे नया केंद्र है जोकि 1995 में 10 हेक्टेयर क्षेत्र में पश्चिमी हिमालय की गोद में स्थापित किया गया था। यह उत्तराखंड के बागेश्वर जिले की कत्यूर घाटी में स्थित है। केंद्र का लक्ष्य खुद को हिमालयी क्षेत्र के औषधीय एवं सगंध पौधों की उत्कृष्टता का केंद्र के रूप में विकसित करना है। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में औषधीय एवं सगंध फसलों का संग्रह, संरक्षण, प्राणिपालन और लक्षण वर्णन; उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों हेतु कृषि-प्रौद्योगिकी विकास के लिए अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम; औषधीय एवं सगंध फसलों में एकीकृत मिट्टी उर्वरता प्रबंधन; किसानों, स्वयं सहायता समूह, गैर सरकारी संगठन, राज्य सरकार एवं उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण, जागरूकता, कौशल उन्नयन और क्षेत्र प्रदर्शन; प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से औषधीय और सगंध फसलों की खेती और प्रौद्योगिकी प्रसार को बढ़ावा देकर ग्रामीण विकास; सगंध तेलों का गुणवत्ता विश्लेषण; सगंध फसलों का औद्योगिक पैमाने पर आसवन, औषधीय एवं सगंध फसलों की खेती के लिए क्षेत्र सर्वेक्षण और व्यवहार्यता अध्ययन तथा नवीन औषधीय और सगंध पौधों का प्रवर्धन आदि अनुसंधान केंद्र की गतिविधियाँ हैं। अनुसंधान केंद्र पुरारा की स्थला- कृति शीतोष्ण तथा उप-समशीतोष्ण क्षेत्रों के औषधीय और सगंध पौधों की खेती के लिए उपयुक्त है साथ ही जिरेनियम, गुलाब, पाइरेथ्रम, रोजमेरी तथा कैमोमाइल पर अनुसंधान, परीक्षण, वाणिज्यिक गतिविधियों के साथ ही गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री का उत्पादन के उद्देश्य से यह केंद्र अनुकूल है। सीमैप शोध केंद्र पुरारा ने अपने अनुसंधान तथा नवाचार को प्रयोगशाला से जमीन तक पहुंचाया है और जिरेनियम, दमस्क गुलाब, पाइरेथ्रम, लेमनग्रास तथा तुलसी जैसे औषधीय एवं सगंध फसलों की विभिन्न कृषि तकनीकों को अपनाने में कई किसानों का मार्गदशन किया है। सीमैप शोध केंद्र पुरारा किसानों, स्थानीय ग्रामीणों, शोधकर्ताओं, गैर सरकारी संगठनों, कृषि विज्ञान केंद्रों, स्वयं सहायता समूहों, राज्य सरकार और पर्यटकों को औषधीय एवं सगंध फसलों की प्रौद्योगिकियों को जानने और समझने के अवसर प्रदान कर रहा है। औषधीय एवं सगंध फसलों का फसल सुधार और कृषि प्रौद्योगिकी विकास; गुणवत्ता रोपण सामग्री का उत्पादन; औषधीय एवं सगंध फसलों की कटाई तथा कटाई उपरान्त प्रबंधन का विकास; कृषि सलाह और औषधीय एवं सगंध फसलों की खेती को बढ़ावा देना; किसानों और उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण/जागरूकता कार्यक्रम और क्षेत्र प्रदर्शन इस केंद्र के माध्यम से की जाने वाली प्रमुख गतिविधियाँ हैं। उपलब्धियां उपलब्धियां उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में खेती के लिए सीमैप अनुसंधान केंद्र पुरारा से रोजमेरी (सिम-हरियाली) की उच्च उत्पादकता के लिए उन्नत किस्म को विकसित किया गया। जिरेनियम, दमस्क गुलाब, पायरेथ्रम, क्लेरीसेज, ओसिमम, कैमोमाइल तथा रोजमेरी आदि की कृषि प्रौद्योगिकी का विकास। औषधीय एवं सगंध फसलों के वन्य जननद्रव्य संरक्षिका की स्थापना। उत्तराखंड एवं इसके आसपास के क्षेत्रों के किसानों, स्कूल और कॉलेज के छात्रों और उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण-सह-जागरूकता कार्यक्रम प्रदान करना। केंद्र से अनुसंधान प्रकाशन/लोकप्रिय लेख/सारांश लेखः 70 से अधिक। प्रकाशन 2020: Prawal Pratap Singh Verma, Awadhesh Kumar, RC Padalia, VR Singh (2020). Influence of NPK levels on growth and yield of Stevia rebaudiana Bertoni under hills of Uttarakhand. Indian Journal of Natural Products and Resources (Indian Journal of Natural Product Resources. 11(1):66-72. Prawal Pratap Singh Verma, K Shanker, B Kumar (2020). Survival, performance and adaptation of Swertia chirayita genotypes at Western Himalayan zone of Uttarakhand. Journal of Medicinal and Aromatic Plants (JMAPS). 42(3-4): 2020-2028. 2019: Prawal Pratap Singh Verma, R C Padalia, V R Singh, Awadhesh Kumar and B k Agri (2019). Effect of nitrogen, phosphorus and potassium levels on growth and yield of turmeric (Curcuma longa L.) Under the Katyur valley of western Himalayan region of Uttarakhand. Journal of Medicinal Plants Studies. 2 (7):117-122. 2018: Prawal Pratap Singh Verma (2018). Performance of Lemon Balm (Melissa officinalis) Cutting under Different Growing Media. Indian Journal of Hill Farming. 31(1): 18-22. 2017: Prawal Pratap Singh Verma, R C Padalia, V R Singh (2017). Influence of vermicompost with FYM and soil on propagation of marjorum (Majorana hortensis L.) and oregano (Origanum vulgare) with green cuttings. Journal of Medicinal Plants Studies. 5(3): 284-287. Prawal Pratap Singh Verma, R C Padalia, V R Singh (2017). Effect of Nitrogen, Phosphorus and Potassium Levels on growth and flower yield of Pyrethrum (Chrysanthemum cinerariaefolium) under western Himalayan region of Uttarakhand. International Journal of Agriculture Innovations and Research. 6(2):374-378. Prawal Pratap Singh Verma, RC Padalia, VR Singh (2017). Effect of combined doses of nitrogen and phosphorus on plant growth and oil yield of menthol mint (Mentha arvensis L) in western Himalayan region of Uttrakhand. International Journal of Herbal Medicine. 5(6): 18-21. Prawal Pratap Singh Verma, RC Padalia, Amit K Tiwari, Awadhesh Kumar (2017). Rosemary (Rosmarinus Officinalis L.) an Aromatic and Medicinal Plant with Broad uses and Cultivation Practices: A Review. Research Trends in Medicinal Plant Sciences: 1 Pp. 87-116. Prawal Pratap Singh Verma, RC Padalia, VR Singh, Awadhesh Kumar, Amit Kumar Tiwari, Sonveer Singh (2017). Geranium (Pelargonium graveolens L. herit ex.) an Aromatic Plant with Broad Uses and Cultivation Practices: A Review. Research Trends in Medicinal Plant Sciences: 1 Pp. 117-142. 2015: Prawal Pratap Singh Verma, Singh A (2015). Effect of different growing media on seed germination and seedling growth of pyrethrum (Chrysanthemum cinerariifolium). Journal of Hill Agriculture. 6(1): 62-65. DOI 10.5958/2230-7338.2015.00010.5. Prawal Pratap Singh Verma, Singh A, Laiq-ur-Rahaman and J R Bahl (2015). Lemon balm (Melissa officinalis L.) an herbal medicinal plant with broad therapeutic uses and cultivation practices: A review. International Journal of Recent Advances in Multidisciplinary Research. 2(11): 0928-0933. Singh Anand, Prawal Pratap Singh Verma (2015). Survival and growth performance of stevia cutting under different growing media. Journal of Medicinal Plants Studies. 3(2): 111-113. Prawal Pratap Singh Verma, Anand Singh (2015). Effect of different growing media on seed germination and seedling growth of pyrethrum. Journal of Hill Agriculture. 6(1): 62-65. सेवाओं की पेशकश उत्तराखंड के औषधीय एवं सगंध पौधों का संग्रह, संरक्षण, प्राणिपालन और लक्षण वर्णन। औषधीय एवं सगंध पौधों का फसल सुधार और कृषि प्रौद्योगिकी विकास। R&D programme for agro technology development for hill regions especially Uttarakhand. पहाड़ी क्षेत्र विशेषकर उत्तराखंड के लिए कृषि प्रौद्योगिकी विकास के लिए अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम। किसानों, स्वयं सहायता समूहों, गैर सरकारी संगठनों और उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण, जागरूकता, कौशल उन्नयन और क्षेत्र प्रदर्शन। सुगंधित फसलों का बेंच स्केल आसवन और गुलाब जल तैयार करना। औषधीय एवं सगंध फसलों की खेती और व्यवहार्यता अध्ययन के लिए क्षेत्र सर्वेक्षण। उच्च ऊंचाई वाले कुलीन औषधीय एवं सगंध पौधों का प्रवर्धन। उत्तराखंड के छात्रों, किसानों और उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण, कौशल और उद्यमिता विकास कार्यक्रम। वैज्ञानिक डॉ आर सी पडलिया प्रभारी वैज्ञानिक & प्रधान वैज्ञानिक rc[dot]padalia[at]cimap[dot]res[dot]in तकनीकी और प्रशासन श्री प्रवाल प्रताप सिंह वर्मा तकनीकी अधिकारी श्री किशन राम गैर तकनिकि संपर्क सूत्र डॉ. आर सी पडलिया प्रभारी वैज्ञानिक फोन नंबर: +91-5963-250129 ईमेल: crcpurara[at]cimap[dot]res[dot]in पता : सीएसआईआर-सीमैप अनुसंधान केंद्र, पुरारा, पोस्ट गागरीगोल, बागेश्वर-263641, उत्तराखंड, भारत